Man Ki Baat

कवि जब "भावनाओ के प्रसव" से गुजरते है तो कविताएँ प्रस्फूटित होते है। शुक्लजी कहते हैं कविता से मनुष्य-भाव की रक्षा होती है और इसे जीवन की अनुभूति कहा। प्रसाद जी ने सत्य की अनुभूति को ही कविता माना है। कविता वह साधन है जिसके द्वारा सृष्टि के साथ मनुष्य के रागात्मक संबंध की रक्षा और निर्वाह होता है। कविता का सीधा सम्बन्ध हृदय से है। यथार्थवादी, प्राकृत्रिक-सौंदर्य और जीवन-दर्शन की झलकें लिए कुछ मर्मस्पर्शी कविताएँ चंदन गुंजन की कलम से । मेरी दूसरी ब्लॉग पढें The Cynical Mind

शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010

मृत्यु

मृत्यु , नहीं पराजय है मानव की ,
अगर पराजय है तो उससे डरना ।
लड़ते रहना ही जीवन है ,
फिर क्या खोना क्या पाना ।।

हम मानव है प्यार के भूखे ,
प्यार सभी से करते है ।
जीवन से है हाथ मिलाया ,
मृत्यु को आलिंगन करते हैं ॥

बलशाली का चादर ओढ़े ,
प्रकृति को डराते हो ।
है हिम्मत तो रणभूमि में आ ,
कायर की भाँती चुपके से ,
दबे पाँव चले आते हो ।।

मेहनतकश मजदूर है हम ,
बंज़र को की हरियाली ही ।
जीत लिया है जीवन को ,
"मृत्यु " तेरी ही बारी है ॥

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