Man Ki Baat

कवि जब "भावनाओ के प्रसव" से गुजरते है तो कविताएँ प्रस्फूटित होते है। शुक्लजी कहते हैं कविता से मनुष्य-भाव की रक्षा होती है और इसे जीवन की अनुभूति कहा। प्रसाद जी ने सत्य की अनुभूति को ही कविता माना है। कविता वह साधन है जिसके द्वारा सृष्टि के साथ मनुष्य के रागात्मक संबंध की रक्षा और निर्वाह होता है। कविता का सीधा सम्बन्ध हृदय से है। यथार्थवादी, प्राकृत्रिक-सौंदर्य और जीवन-दर्शन की झलकें लिए कुछ मर्मस्पर्शी कविताएँ चंदन गुंजन की कलम से । मेरी दूसरी ब्लॉग पढें The Cynical Mind

सोमवार, 20 मई 2013

अतीत के सपने

अतीत के सपने
होते  हैं  भावात्मक ,
तो कभी मर्मस्पर्शी , शांत
तो  कभी उच्छ्श्रिङ्खल ।
पर अक्सर ,
विचारो से ओत-प्रोत ।
 
  भावनाओ के समंदर में, 
 किसी एक पर टिकना 
 कितना होता है मुश्किल ;
 जैसे तेज़ धार में 
 रेत को मुटठी में पकड़ना ।



ये विचार  है अतीत  के
हमारे संस्कार के ,
गाँव - समाज के ,
सुख-दुःख के ,
खेतो में जुतने वाले बैलों के,
मुंडेर पे बैठे आज़ाद पंक्षियों के,
हाटों  में टंगे कटे बकरे के,
और खरीददारों के झुण्ड के भी । 

         गौर करो ,
कि क्या तुम्हारे विचार !
क्या वही नहीं हैं,
जो वर्षों पहले थे ।
विचारो पर अब भी पैबंद है
और तब भी थे ।

'संस्कार' से विचार था  ;
अब विचारो से समझा जाता  है 
संस्कार को  ।